दोहे छंद शब्द–वारिद
दोहा छंद
विषय- वारिद
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1.
छाई वारिद कालिमा, देखो अम्बर आज।
वर्षा पल पल हो रही, सुलझे मानुष काज।।
2.
वारिद बरसे जा रहे, ठण्डी चले वयार।
हर्षित वन में हो रहे, भालू शेर सियार।।
3.
अम्बर वारिद छा रहे, इक टक देखे मोर।
शीत पवन मन भा रही, नृत्य संग मृदु शोर।।
4.
वारिद नभ में फैलते, छाये चारों ओर।
चम चम चमके चंचला, कौंधे अन्तिम कोर।।
5.
स्वाति नक्षत्र जो पड़े, वारिद नीर सुभाय।
बूंद मिले जब सीप में, मोती बनकर आय।।
शीला सिंह बिलासपुर हिमाचल प्रदेश 🙏