दोहे “गोवर्धन”
विषय- गोवर्धन
गो माँ का वध मत करो, गोपालक भगवान।
गोमाता को पूजिए, गोधन वरधन मान।।
लीप चौक पूजन करें, गोवर्धन का आज।
गोरक्षा की शपथ ले, पूरा देश, समाज।।
दम्भ इन्द्र का तोड़ कर, किया अचंभित काज,
सहज भाव से कृष्ण ने, उठा लिया गिरिराज।।
गोवर्धन मम तार दो, विनय करो स्वीकार।
अंतस अवगुण खान है, कैसे हो उद्धार?
यह जग काली कोठरी, पीड़ित है संसार।
गोवर्धन फिर आज लो, धरती पर अवतार।।
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी (उ. प्र.)