आज कल के लोग बड़े निराले हैं,
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
तुम कहो या न कहो,है उम्रभर की यह प्रतीक्षा
हौसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*मतलब इस संसार का, समझो एक सराय (कुंडलिया)*
##श्रम ही जीवन है ##
Anamika Tiwari 'annpurna '