Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2024 · 1 min read

दोहा

दोहा
वक्त बदला, हम बदले,बदल गया सब रीति-रिवाज.
हेलो हाय के सिक्कड़ जकड रहा यह सभ्य समाज..
खान-पान परिधान बदल गया , बदल लिया अपना संस्कार.
छोड़ संयुक्त-परिवार पद्धति, अपना रहे व्यक्तिगत-परिवार..
धन दौलत का मान बढ़ गया, ऐशो-आराम हुआ परम उदेश्य .
नैतिकता,सदाचार,सोहार्द-प्रेम का रहा न महिमा रहा न लक्ष्य..
विवाहोपरांत ससुराल प्रिय हो जाता, माता-पिता हो जाते गौण.
मौसा मौसी देते सलाह-मशविरा और चाचा-चाची रहते मौन..
सेकरेसी का आलम ऐसा है, परिवार-सदस्य सब रहता एक-साथ.
सब व्यस्त अपने मोबाईल पर, कोई किसी से न करता बात..
गुड-बतासा शीतल जल से शुरू होता था तब अतिथि सत्कार.
अब चाय नहीं तो स्वागत है फीका छप्पन व्यंजन होता बेकार..
एक टी.वी घर में होता था, सभी देखते थे बैठ एक साथ
आज मिला हर हाथ मोबाईल अपनी डफली अपना राग..
खत्म हुआ घर का आँगन वांगन, और दलान पर का नलकूप.
मल्टी फ्लोर बिल्डिंग कल्चर में मिलती हवा न मिलता धूप ..

49 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from manorath maharaj
View all
You may also like:
यादों के तराने
यादों के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मंजिल की तलाश में
मंजिल की तलाश में
Chitra Bisht
गज़ल
गज़ल
Jai Prakash Srivastav
चाय पीते और पिलाते हैं।
चाय पीते और पिलाते हैं।
Neeraj Agarwal
विश्व पुस्तक मेला
विश्व पुस्तक मेला
Dr. Kishan tandon kranti
ख़ुद से हमको
ख़ुद से हमको
Dr fauzia Naseem shad
एक वक्त था जब मंदिर ने लोग आरती में हाथ जोड़कर और माथा झुकाक
एक वक्त था जब मंदिर ने लोग आरती में हाथ जोड़कर और माथा झुकाक
पूर्वार्थ
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
Rituraj shivem verma
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कुंडलिया
कुंडलिया
आर.एस. 'प्रीतम'
.??
.??
*प्रणय*
अपने घर में हूँ मैं बे मकां की तरह मेरी हालत है उर्दू ज़बां की की तरह
अपने घर में हूँ मैं बे मकां की तरह मेरी हालत है उर्दू ज़बां की की तरह
Sarfaraz Ahmed Aasee
न्याय होता है
न्याय होता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
आज ज़माना चांद पर पांव रख आया है ,
आज ज़माना चांद पर पांव रख आया है ,
पूनम दीक्षित
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
Anand Kumar
दूरी जरूरी
दूरी जरूरी
Sanjay ' शून्य'
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
Ranjeet kumar patre
ST666 - Nhà Cái Hàng Đầu, Nạp Rút Nhanh Chóng, Giao Dịch Bảo
ST666 - Nhà Cái Hàng Đầu, Nạp Rút Nhanh Chóng, Giao Dịch Bảo
ST666
साथी है अब वेदना,
साथी है अब वेदना,
sushil sarna
मछली रानी
मछली रानी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
2805. *पूर्णिका*
2805. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
Harminder Kaur
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
Shweta Soni
डॉ अरुण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मन नहीं होता
मन नहीं होता
Surinder blackpen
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
......तु कोन है मेरे लिए....
......तु कोन है मेरे लिए....
Naushaba Suriya
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मतदान और मतदाता
मतदान और मतदाता
विजय कुमार अग्रवाल
कलियुग की सीता
कलियुग की सीता
Sonam Puneet Dubey
Loading...