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डाॅ. बिपिन पाण्डेय
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21 Feb 2024 · 1 min read
दोहा
दोहा
खार सरीखी हो गई,मानव की तासीर।
इसीलिए संसार में,नफरत,हिंसा, पीर।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय
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