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30 Dec 2019 · 1 min read

दोहा

दिल में करते वास हैं ,सदा अवध पति राम ।
पल पल तेरे साथ है ,छोड़ जगत के काम ।

छलके यौवन गागरी ,धीरज खोते नैन ।
चंचल चितवन से नयन ,भरमाते हिय चैन।

फुटपाथ पर सो रहे ,चादर ओढ़े लोग।
जाड़ा भी शरमा गया, देख नींद का जोग।

सत्य सनातन देश को ,बांटे जब जब लोग ।
खाज हुई तब कोढ़ में ,कैसे साधे रोग ।

डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव सीतापुर।
स्वरचित मौलिक रचना

Language: Hindi
268 Views
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