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3 Aug 2024 · 1 min read

दोहा सप्तक. . . . . मोबाइल

दोहा सप्तक. . . . . मोबाइल

मोबाइल ने कर दिया, सचमुच बेड़ा गर्क ।
निजता पर देने लगे, युवा अनेकों तर्क । ।

मोबाइल के जाल में, उलझ गया संसार ।
सच्चा रिश्ता अब यही , बाकी सब बेकार ।।

संवादों का बन गया, मोबाइल संसार ।
सांकेतिक रिश्ते हुए, बौना सच्चा प्यार ।।

प्यार जताने के सभी, बदल गए हालात ।
मोबाइल पर साजना , दर्शन दे साक्षात ।

मोबाइल पर कीजिए, चाहे घंटों बात ।
पत्नी की मत भूलना,पर लाना सौगात ।।

मोबाइल के भूत ने, रिश्ते किये खराब ।
आपस का रिश्ता बना, जैसे बन्द किताब ।।

मोबाइल तो आजकल, जैसे है भगवान ।
आज अधूरा सा लगे, इसके बिन इंसान ।।

सुशील सरना / 3-8-24

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