दोहा सप्तक. . . बाल दिवस
दोहा सप्तक. . . बाल दिवस
क्या जाने यह बचपना, बाल दिवस का अर्थ ।
अर्थ जाल में पीसते, बचपन चन्द समर्थ ।।
बाल दिवस के अर्थ से, बचपन है अनजान ।
शोषित उसका बचपना, करते कुछ धनवान ।।
बाल दिवस पर बाँटते, नेता प्यार – दुलार ।
भाषण से संवारते, बच्चों का संसार ।।
चौराहों पर बचपना, झोली रहा पसार ।
आडम्बर लगने लगा, बचपन का उद्धार ।।
बाल दिवस के पर्व का, मतलब बड़ा विशाल ।
भारत की हैं नींव यह , भारत माँ के लाल ।।
कुछ ऐसा कर दीजिए, बाल दिवस पर यार ।
शिक्षा से धनवान हो, बच्चों का संसार ।।
भोले बचपन को मिलें , सदा उचित संस्कार।
वर्तमान यह आज का, कल का है संसार ।।
सुशील सरना / 14-11-24