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9 Mar 2024 · 1 min read

दोहा पंचक. . . नारी

दोहा पंचक. . . नारी

नर नारी से श्रेष्ठ है, हुई पुरानी बात ।
जीवन के हर क्षेत्र में, नारी देती मात ।।

नर नारी के बीच अब, नहीं जीत अरु हार ।
बनी शक्ति पर्याय अब, वर्तमान की नार ।।

कंधे से कंधा मिला, दे जीवन को अर्थ ।
नारी अब हर क्षेत्र में, लगने लगी समर्थ ।।

अनुपम कृति है ईश की, इस जग का आधार ।
लगे अधूरा सृष्टि का , नारी बिन शृंगार ।।

आसमान छूने चली, कल की अबला नार ।
देख पराक्रम नार का, चकित हुआ संसार ।।

सुशील सरना / 9-3-24

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