Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2024 · 1 min read

दोहा त्रयी. . . .

दोहा त्रयी. . . .

मन के मधुबन से हुई , लुप्त नेह की गंध ।
काई देती स्वार्थ की, रिश्तों में दुर्गन्ध ।।

बदल गया परिवार में, रिश्तों का अब रूप ।
तीखी लगती स्वार्थ की, अब आँगन में धूप ।।

अर्थ रार में खो गए, रिश्ते सारे खास ।
धन वैभव ने भर दिया, जीवन मैं संत्रास ।।

सुशील सरना / 11-2-24

49 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

काश कभी ऐसा हो पाता
काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
gurudeenverma198
4182💐 *पूर्णिका* 💐
4182💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वो चैन की नींद सो गए
वो चैन की नींद सो गए
Diwakar Mahto
ग़ज़ल _ अब दिल गूंजते हैं ।
ग़ज़ल _ अब दिल गूंजते हैं ।
Neelofar Khan
रम्भा की ‘मी टू’
रम्भा की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अंतरात्मा की आवाज
अंतरात्मा की आवाज
SURYA PRAKASH SHARMA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
थार का सैनिक
थार का सैनिक
Rajdeep Singh Inda
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
परछाई
परछाई
Dr Archana Gupta
जब रंग हजारों फैले थे,उसके कपड़े मटमैले थे।
जब रंग हजारों फैले थे,उसके कपड़े मटमैले थे।
पूर्वार्थ
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
मन मेरा दर्पण
मन मेरा दर्पण
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
🥀 *अज्ञानी की कलम* 🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम* 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जीवन की परिभाषा क्या ?
जीवन की परिभाषा क्या ?
Dr fauzia Naseem shad
*
*"सरहदें पार रहता यार है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बापूजी(नानाजी)
बापूजी(नानाजी)
Kanchan Alok Malu
#हे राम !
#हे राम !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
आगाह
आगाह
Shyam Sundar Subramanian
दिल
दिल
हिमांशु Kulshrestha
इस तरफ न अभी देख मुझे
इस तरफ न अभी देख मुझे
Indu Singh
हे युवा पीढ़ी सुनो
हे युवा पीढ़ी सुनो
Harinarayan Tanha
ब्रह्मांड अस्तित्व
ब्रह्मांड अस्तित्व
Mahender Singh
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
काकी  से  काका   कहे, करके  थोड़ा  रोष ।
काकी से काका कहे, करके थोड़ा रोष ।
sushil sarna
" जेबकतरा "
Dr. Kishan tandon kranti
ये कैसी दीवाली
ये कैसी दीवाली
Satish Srijan
तू साथ नहीं
तू साथ नहीं
Chitra Bisht
किस जरूरत को दबाऊ किस को पूरा कर लू
किस जरूरत को दबाऊ किस को पूरा कर लू
शेखर सिंह
Loading...