दोहा त्रयी. . . सन्तान
दोहा त्रयी. . . सन्तान
बना लिये सन्तान ने ,अपने अपने नीड़ ।
वृद्ध हुए माँ बाप अब, तन्हा बाँटें पीड़ ।।
अर्थ लोभ हावी हुए, भौतिक सुख विकराल ।
क्षीण दृष्टि माँ बाप की, ढूँढे अपना लाल ।।
सन्तानों की आहटें , देखें अब माँ बाप ।
वृद्ध काल में बन गई, ममता जैसे श्राप ।।
सुशील सरना / 19-1-24