दोहा छन्द ,चाणक्य नीति आधारित
चाणक्य नीति आधारित दोहा छन्द का प्रयास
1★
नियत बात को छोड़कर ,करे अनियती ध्यान।
उसका निश्चित जानिये , कैसे हो कल्यान।
2★
सब बातों को देखकर , करिए आप मिलान।
शादी तब ही कीजिये,जब हो एक समान।
3★
थोड़ा ज्यादा दोष तो ,सब मे होता तात।
सो भले बुरे नाम पर ,व्यर्थ बढ़ाओ बात।
4★
आचार आइना सुनो , होता है श्रीमान।
जिस कुल में पैदा हुए ,वो ही भाव प्रधान।
वचन आपके जो सुने, जान जायगा देश।
लखकर आदर भाव को ,पहचाने परिवेश।
5★
कंचन काया देखकर , पता चले है खान।
कृषकाया है मुफलिसी,ओर धनी बलवान।
6★
अच्छे घर मे बालिका ,विवाह दीजिये आप।
ओर ज्ञान हित भेजिए , सुत को बनकर बाप।
7★
सदा कर्म अच्छे करें, लेकर मितवा साथ।
रिपु को बस पहचान कर ,करो खराबा माथ।
कलम घिसाई