दोहावली
************* दोहावली *************
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भार्या बोली जोर से,सुनो तनिक भरतार।
कुछ कटी कुछ है बची,सम्मान करो सरदार।।
भूख भी सहन कर सकूं,सहन करूँ मैं प्यास।
अपमान सहूँ अब नहीं,हाथ जोड़ अरदास।।
माँ – बापू की लाडली, घर मे सब की जान।
झाड़ू -पौचा निगल गया,अर्जित अर्जन ज्ञान।।
मनसीरत नादान है , समझो दे कर ध्यान।
तरकश खाली तीर से,क्या करेगा कमान।।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)