Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

दोहरापन

“दोहरापन”

मैं अपनी नज़र में चाहे कितना भी बड़ा बेईमान रहा हूं
आप मेरी ईमानदारी पर शक करें, ये मुझे बर्दाश्त नहीं

मैं क्या हूं, और क्या नहीं हूं, है मुझे मालूम अंदर तक
पर आप, मुझे आइना दिखाएं, हां ये मुझे बर्दाश्त नहीं

दरअसल बहुत सारी परतों के पीछे छुपा हुआ बैठा हूं मैं
आप परत दर परत खोलें मुझे, ना, ये मुझे बर्दाश्त नहीं

अपनी मर्ज़ी से शतुरमुर्ग हूं, रेत में मुंह को छुपाए रहता हूं
आप मुझे असलियत से रूबरू करवाएं ये मुझे बर्दाश्त नहीं

हमेशा लेबुल, टेबुल से ही जाना है लेवल अपना औरों का
आप आज मुझे मेरी औकात दिखाएं, ये मुझे बर्दाश्त नहीं

~ नितिन जोधपुरी “छीण”

27 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यह कैसी खामोशी है
यह कैसी खामोशी है
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
Basant Bhagawan Roy
*करते हैं प्रभु भक्त पर, निज उपकार अनंत (कुंडलिया)*
*करते हैं प्रभु भक्त पर, निज उपकार अनंत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Dr.Pratibha Prakash
3262.*पूर्णिका*
3262.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुनो
सुनो
पूर्वार्थ
मेरा हाथ
मेरा हाथ
Dr.Priya Soni Khare
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
gurudeenverma198
महादेव ने समुद्र मंथन में निकले विष
महादेव ने समुद्र मंथन में निकले विष
Dr.Rashmi Mishra
दोहे- उदास
दोहे- उदास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रिश्तो से जितना उलझोगे
रिश्तो से जितना उलझोगे
Harminder Kaur
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
Jogendar singh
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १०)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १०)
Kanchan Khanna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
वहां पथ पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
वहां पथ पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
Slok maurya "umang"
नई रीत विदाई की
नई रीत विदाई की
विजय कुमार अग्रवाल
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
Atul "Krishn"
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
शेखर सिंह
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
Ravi singh bharati
"राष्ट्रपति डॉ. के.आर. नारायणन"
Dr. Kishan tandon kranti
😊😊😊
😊😊😊
*प्रणय प्रभात*
सपने
सपने
Santosh Shrivastava
मेहनत और अभ्यास
मेहनत और अभ्यास
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
हृदय वीणा हो गया।
हृदय वीणा हो गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कभी जब आपका दीदार होगा।
कभी जब आपका दीदार होगा।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...