दोस्त बिन नही गुज़ारा
दोस्त बिन नही गुज़ारा
,,,,,writn,,,,by,,,,yuvi,,,,
सुन लो यार मेरा तुम बिन नही गुज़ारा ।।
बेसक तुम हो हद से ज्यादा आवारा।।
तुम्हारी आवारगी पर हम फिदा है यार तुम्हारे प्यार में हम गुमसुदा है।।
हरकते देख के तुम्हारी आती है हसी जब कहते हो लड़की हसी तो फसी।।
मुश्किल घड़ी में सदा बनते आये हो सहारा भाई हो मेरे तुम कमीने यारा।।
ना जाने सालों बाद कैसा समा होगा हम दोस्तो में से कौन कहाँ होगा फिर अगर मिलना है तो मिलेंगे ख्वाबो में जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबो में
,,,,,,,,,,,,
?writn by yuvi?