दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
जब तक दोस्तों के बारे में सोचता है!
उसका भी दु:ख-दर्द वो समझता है!
पर वो दोस्ती किस काम की
जो मुसीबत में भी काम न आता है!
बुरे वक़्त में धोखा खाकर तो….
कोई भी इंसान टूट ही जाता है,
फिर शायद ही वो जुड़ पाता है….
…. अजित कर्ण ✍️