दोस्ती
“रिश्ता बड़ा अनोखा है प्यार से मिला है
खून का नहीं जज्बातों से जुड़ा है
बड़ा प्यारा सा रिश्ता है नाम इसे खुदा ने दोस्ताना दिया है/”
दोस्ती को लफ्जों में बयां नहीं किया जा सकता इसे तो खूबसूरती से निभाया जाता है/ दोस्ती खूबसूरत सा रिश्ता है खूबसूरत सा एहसास है/
आइए आज हम आपको अपनी दोस्ती से रूब-ब-रूब करवाते हैं/
याद है हमें हर वह किस्सा ,वह स्कूल वाली दोस्ती ,वह मोहल्ले वाली दोस्ती ,वह कॉलेज वाली दोस्ती / याद हर किस्सा है/ बैठते हैं अकेले जब हम याद आती है /तुम्हारी वह बकवास हंसा जाती हैं दिल में कहीं सकून सा दे जाती हैं/
यारों की फौज में एक जिगरी यार होता है / जो कभी जताता नहीं पर सबसे खास होता है / जिसे कुछ बताना नहीं पड़ता जो खुद समझ जाता है यारों वही यार दिल के पास होता है /
ऐसी मेरी भी यारी है जो सबसे प्यारी है / अपने नाम की तरह बड़ी अनोखी है मानो जैसे खुदा ने बड़ी फुर्सत से बनाया हो /
उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा है क्या बताऊं कैसा है
“प्यारा सा दिल है मासूम सी है वह
बड़े प्यार से संभाला है कोमल-सा फूल है वह”
ए खुदा इस दोस्ताना को यूं ही बरकरार रखना एक दूजे को हमेशा साथ रखना दूरियां चाहे कितनी हो बस दिलों को पास रखना वह और मैं हम हैं बस इस हमको यूं ही बनाए रखना बस इस हमको यूं ही बनाए रखना/