Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2024 · 2 min read

दोषी कौन?

सच्ची घटना पर आधारित (कहानी)
दोषी कौन?
हमारे जीवन में चाहे जो भी घटनाएं घटती है। हम बिना कुछ सोचे-समझे भगवान को दोषी बना देते है। आज मैं जिस घटना की चर्चा करने जा रही हूं वह आंखों देखी है। करीब चालीस साल पहले की बात है। मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था। उस परिवार में एक बेटा और दो बेटियाँ थीं। परिवार के सभी लोग अच्छे और सुलझे हुए थे। बच्चे पढने में अच्छे थे। बेटा आई.आई.टी की तैयारी कर रहा था। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी थी। वे सब भी अपने-अपने परिवार में सुख से रह रहीं थीं। दुसरे वर्ष उनके बेटे ने आई.आई.टी का इंट्रेंस टेस्ट दिया। कुछ महीनों बाद उसकी रिजल्ट आई। इस खबर को सुनकर सभी आस-पड़ोस के लोग बहुत खुश हुए लेकिन जिसके घर में ये खुशियां आई थी उस घर में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। हुआ यह कि जिस लड़के ने आई.आई.टी की परीक्षा पास की थी वह रिजल्ट सुनते ही पागल की तरह व्यवहार करने लगा। पहले तो सब सोंच रहे थे कि शायद खुशी से यह ऐसा कर रहा है लेकिन ये सच नहीं था। उस बच्चे और परिवार के जीवन में हमेशा के लिए अंधेरा छा गया। वह बच्चा सच में— हो गया था। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने बच्चों में बचपन से ही दोनों तरह की परिस्थितियों के लिए तैयार करना अति आवश्यक है। जिसकी वे सामना कर सकें। यहां दोषी कौन है? “भगवान, भाग्य या माता-पिता”। जो भी हो इस सच्चाई से इनकार नहीं किया जा सकता है कि उस बच्चे की तथा उस परिवार का भविष्य अब भगवान के ही हाथ में है।
जय हिंद

Language: Hindi
1 Like · 60 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क्या लिखूं
क्या लिखूं
MEENU SHARMA
प्रलयंकारी कोरोना
प्रलयंकारी कोरोना
Shriyansh Gupta
फिर आई बरसात फिर,
फिर आई बरसात फिर,
sushil sarna
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आशीष के दीप है जलाती, दुखों के तम से बचाती है माँ।
आशीष के दीप है जलाती, दुखों के तम से बचाती है माँ।
Dr Archana Gupta
अजनबी
अजनबी
लक्ष्मी सिंह
मेरे भोले भण्डारी
मेरे भोले भण्डारी
Dr. Upasana Pandey
इश्क
इश्क
Neeraj Mishra " नीर "
खुद के अरमान ,
खुद के अरमान ,
Buddha Prakash
राम भजन
राम भजन
आर.एस. 'प्रीतम'
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
Mukesh Kumar Sonkar
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कवि/लेखक- दुष्यन्त कुमार (सम्पूर्ण साहित्यिक परिचय)
कवि/लेखक- दुष्यन्त कुमार (सम्पूर्ण साहित्यिक परिचय)
Dushyant Kumar
स्नेहिल प्रेम अनुराग
स्नेहिल प्रेम अनुराग
Seema gupta,Alwar
3640.💐 *पूर्णिका* 💐
3640.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" भाव "
Dr. Kishan tandon kranti
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
REVATI RAMAN PANDEY
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
Ranjeet kumar patre
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़।
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़।
Rj Anand Prajapati
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – भातृ वध – 05
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – भातृ वध – 05
Kirti Aphale
हकीकत मोहब्बत की
हकीकत मोहब्बत की
हिमांशु Kulshrestha
"आंधी की तरह आना, तूफां की तरह जाना।
*प्रणय प्रभात*
एक ज्योति प्रेम की...
एक ज्योति प्रेम की...
Sushmita Singh
*
*"गुरुदेव"*
Shashi kala vyas
देखिए आईपीएल एक वह बिजनेस है
देखिए आईपीएल एक वह बिजनेस है
शेखर सिंह
पाखंड का खेल
पाखंड का खेल
पूर्वार्थ
ये खत काश मेरी खामोशियां बयां कर पाती,
ये खत काश मेरी खामोशियां बयां कर पाती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अधिकांश होते हैं गुमराह
अधिकांश होते हैं गुमराह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
gurudeenverma198
Loading...