Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2024 · 1 min read

दोपाया

सोचो ना दोपाए बहुपाया बनेंगे,
दीन मजलूमों के हमसाया बनेंगे।
जो खड़े न हो सके खुद पैर पर,
वो दूसरों का वक्त भी जाया करेंगे।।

पैर उनके पास है पर गति नहीं,
है वो शिक्षित मगर,है मति नहीं।
बोल सकते है मगर वो मौन है,
मान बैठें है कि उनकी क्षति नहीं।।

देख रहीं आखें पर वो दृष्टिहीन हैं,
दे सकते है न्याय, पर मन मलीन है।
सुन सकते पर है वो बन बहरे बैठे,
बस खुद के पोषण में वो तल्लीन हैं।।

सूंघ रही है नाक, चंदन और विष्ठा भी,
मन सोया है, सोई मानव मान प्रतिष्ठा भी।
पर खुद को ईश्वर कहलाने की इच्छा है,
बेसक उनमें शेष नहीं कोई जीवन निष्ठा भी।

उनकी हर इंद्रिय पर कब्जा है पैसे का,
कान नाक मन है पैसा, दृष्टि भी पैसे का।
कलयुग में दोपाया मानव हैं “संजय”,
स्वमनुविद् और अक्ल वही भैंसे जैसे का।।

Language: Hindi
1 Like · 57 Views

You may also like these posts

माफ करना मैडम हमें,
माफ करना मैडम हमें,
Dr. Man Mohan Krishna
बेहतर और बेहतर होते जाए
बेहतर और बेहतर होते जाए
Vaishaligoel
जिस बंदे का
जिस बंदे का
*प्रणय*
तृष्णा का थामे हुए हाथ
तृष्णा का थामे हुए हाथ
Shally Vij
समझों! , समय बदल रहा है;
समझों! , समय बदल रहा है;
अमित कुमार
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
" पता नहीं "
Dr. Kishan tandon kranti
किसी के मर जाने पर उतना नहीं रोया करता
किसी के मर जाने पर उतना नहीं रोया करता
शिव प्रताप लोधी
बम
बम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Ram Krishan Rastogi
धरोहर
धरोहर
Kanchan Alok Malu
जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कर्मपथ
कर्मपथ
Indu Singh
- आना चाहो तो आ जाना में तुम्हारा आज भी इंतजार कर रहा -
- आना चाहो तो आ जाना में तुम्हारा आज भी इंतजार कर रहा -
bharat gehlot
संस्मरण #पिछले पन्ने (11)
संस्मरण #पिछले पन्ने (11)
Paras Nath Jha
श्रद्धा तर्क, तर्कबुद्धि तथा ईश्वर (Faith, Logic, Reason and
श्रद्धा तर्क, तर्कबुद्धि तथा ईश्वर (Faith, Logic, Reason and
Acharya Shilak Ram
सवाल ये नहीं
सवाल ये नहीं
Dr fauzia Naseem shad
भूल ना था
भूल ना था
भरत कुमार सोलंकी
सुरों का बेताज बादशाह और इंसानियत का पुजारी ,
सुरों का बेताज बादशाह और इंसानियत का पुजारी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
महफ़िल जो आए
महफ़िल जो आए
हिमांशु Kulshrestha
4545.*पूर्णिका*
4545.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख़ाली मन
ख़ाली मन
Kirtika Namdev
मन में क्यों भरा रहे घमंड
मन में क्यों भरा रहे घमंड
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"यहाँ चंद लोगों के लिए लिख रहा हूँ मैं ll
पूर्वार्थ
पाठको से
पाठको से
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
अति भाग्यशाली थी आप यशोदा मैया
अति भाग्यशाली थी आप यशोदा मैया
Seema gupta,Alwar
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
*आम (बाल कविता)*
*आम (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Loading...