Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Shweta Soni
27 Followers
Follow
Report this post
21 Apr 2024 · 1 min read
दोपहर जल रही है सड़कों पर
दोपहर जल रही है सड़कों पर
खिल रहे अमलतास शाखों पर
Tag:
Quote Writer
Like
Share
99 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Shweta Soni
View all
अंतर्मन का कोपभवन
Shweta Soni
ख्वाब जो देखे थे मैंने
Shweta Soni
You may also like these posts
शायर हुआ हूं मैं
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
एक रुबाई...
आर.एस. 'प्रीतम'
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
कब टूटा है
sushil sarna
अपनों का गम
Kanchan verma
मोबाइल के बाहर
Girija Arora
मेरी पावन मधुशाला
Rambali Mishra
नमाज़ों का पाबंद होकर के अपने
Nazir Nazar
अहा! जीवन
Punam Pande
*भेदा जिसने है चक्रव्यूह, वह ही अभिमन्यु कहाता है (राधेश्याम
Ravi Prakash
तितलियां
Adha Deshwal
"दुनिया को दिखा देंगे"
Dr. Kishan tandon kranti
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुझको पाकर ,पाना चाहती हुं मैं
Ankita Patel
वृक्षारोपण कीजिए
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
कौन हो तुम मेरे?
Jyoti Roshni
परोपकार!
Acharya Rama Nand Mandal
दरअसल Google शब्द का अवतरण आयुर्वेद के Guggulu शब्द से हुआ ह
Anand Kumar
"डोली बेटी की"
Ekta chitrangini
आस
Shyam Sundar Subramanian
एक ख्याल हो तुम
Chitra Bisht
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
Shweta Soni
दशकंधर
*प्रणय*
कुछ तो मेरी वफ़ा का
Dr fauzia Naseem shad
2694.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मर्यादा
Khajan Singh Nain
शाम
Dr.Pratibha Prakash
"" *स्वस्थ शरीर है पावन धाम* ""
सुनीलानंद महंत
सुनो! बहुत मुहब्बत करते हो तुम मुझसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
डॉक्टर रागिनी
Loading...