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4 Nov 2021 · 2 min read

दोकनदार दलाल के हैप्पी दियावाती (हास्य कटाक्ष)

बाबा बड़बड़ाइत रहै जे हौ दोकनदार दलाल सब हौ तोरो सबहक देकनदारी चलैत रहअ. हे तोरो सबहक पुरूस्कारी भटक्का, छूरछूरी, आयोजनी फूलझड़ी खूब बिकाइत रहअ आ जातिवादी ज्यूरी राॅकेट सब फूट फूटा के छूटैैत रहै जा. हमरा त फटक्का छूरछूरी उधार नकद मे देबह ने आ नै कोनो आयोजन मे फूलझड़ी जड़बै लै बजेबह? हम तैयो तोरा सभके शुभकामना दै छिअ जे तोरा सबहक दोकनदारी चलैत रहअ आ ठीकेदारी स घर परिवार होलसेल गोदाम सन भरल पूरल रहअ?

ताबे बाबा के तकैत तकैत हम पहुँचली बाबा के देखते हम हैप्पी दियावाती कहली. त बाबा हां हां के हँसे लागल फेर बोललक अईं हौ कारीगर भटक्का नेने एलहअ नैहे आ छूछे मंगनीहा शुभकामना स दियावाती मनतै हौ? देखै छहक भागेसरो पंजा के कहलियै जे उधारी मे एक पैकेट आलू बम आनि दै सै किए सुनत. लाथ कए लेलक कहैयै जे हम अकाशदीप बनाएब तै लै सीसी तकै मे लागल छी? अखैन हम चैनगत नै छी. एकटा मैथिली दलाल सेहो भेंट भेल त ओकरो हैप्पी दियावाती कहलियै तऽ किए सुनबाह लेत? कहलक जे अहाँ कोनो साहित्यिक लोक छि जे पुरूस्कारी फटक्का अहाँ के हुअ दियअ? हम बजलहुँ जे हम साहित्यिक पाठक दर्शक त छि आ मैथिली साहित्य के खेलखेली फूलझड़ी दिया जनैत छि हौ.

हम बाबा स पुछली हौ बाबा तोंई कोन दोकनदार के हैप्पी दियावाती कहलहु? किराना दोकान वला की भटक्का फूलझड़ी दोकान वला की मिठाई दोकान वला के जे तोरो बात न मानलकौ? हमे त आई तलिक मुर्गा छाप भटक्का, नागीन छाप छूरछूरी, मस्ताना आलू बम सब त देखले रहली आ किन के फोरलो रहली. बाबा तोंइ कोन दोकनदार के शुभकामना देलहू आ कोन पुरूस्कारी छाप फटक्का के फेर मे बड़बड़ाए रहलू? हमरा बताबू बलू हमहिं तोरो एक पाकिट सूतली बम किन दै रहलीयौ.

बाबा हां हां के हँसैत बोललकै हौ एत्ते खान नै बुझलहक की? हौ हम मिथिला मैथिली के दोकनदारी करनिहार दोकनदार दलाल के हैप्पी दियावाती कहलियै? शुभकामना दैत कहलियै जे हे दोकानदार सब अहूँ के पुरूस्कारी फटक्का अयोजनी छूरछूरी बिकाइत रहै? एकरा सबहक दोकान मे ज्यूरी रौकेट, गिरोहवादी बम, जातिवादी चकरी सब खूब बिकाइत छै. अंगिका बज्जिक्का, ठेठी, राड़ बोली सबटा के मैथिलीए कहतह आ लिखबा काल मानके के मोजर देतह? इहो चलकपनीवला दोकनदारी खूब चलै छै. देखै नै छहक मिथिला मैथिली आब एकटा दोकानदारी बना लेलकै लोक? जहिना गाम घर मे किराना दोकान वला सब मनमाना रेट पर उतारू अछि तहिना ई सब पुरूस्कारी फटक्का बेचबा काल मनमाना करै जाइए? कोनो निष्पक्ष तरीका नै. मैथिली दोकनदार के तैं फेर स की कहियौ? हम आ बाबा एक साथ बोललियै दोकानदार दलाल के हैप्पी दियावाती.

लेखक:- डाॅ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

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