#देसी_ग़ज़ल
#देसी_ग़ज़ल
■ इस हद तक खिसियाओ मत…!
【प्रणय प्रभात】
● मत चीखो चिल्लाओ मत।
मुंह को भाड़ बनाओ मत।।
● वक़्त बदलता रहता है।
हर दम रोओ गाओ मत।।
● खुशियों पे सबका हक़ है।
अपनी जान जलाओ मत।।
● खिल्ली उड़ने लग जाए।
इस हद तक खिसियाओ मत।।
● सब को सब मालूम यहां।
ज़्यादा बात बनाओ मत।।
● चार दिनों के हाकिम हो।
धौंस-धपट दिखलाओ मत।।
● सीधी-सादी दुनिया को।
उल्टे सबक़ सिखाओ मत।।
● अपनी मुश्किल सुलझाने।
औरों को उलझाओ मत।।
● मान लिया शातिर हो तुम।
बहलाओ फुसलाओ मत।।
● जागी आंखों को दिन में।
झूठे ख़्वाब दिखाओ मत।।
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)