Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2019 · 1 min read

देश- विरोधी तत्व

साँप-सपोलों की तरह, देश विरोधी लोग।
करो शीघ्र उपचार कुछ, खतरनाक यह रोग।।

खत्म जड़ों से कीजिये,देश विरोधी तत्व।
धर्म जाति के नाम पर, मिटा रहे अपनत्व।।

देश विरोधी तत्व से, घायल है कश्मीर।
केशर घाटी जल रही,हालत है गंभीर।।

देश विरोधी तत्व से, हर पल रहे सतर्क।
धरा स्वर्ग की जो रही, बना दिया है नर्क।।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
1 Like · 196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
झूठ बोल नहीं सकते हैं
झूठ बोल नहीं सकते हैं
Sonam Puneet Dubey
चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा :- हमार
चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा :- हमार
Rituraj shivem verma
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
"" *मौन अधर* ""
सुनीलानंद महंत
बरसात
बरसात
Swami Ganganiya
धरा और हरियाली
धरा और हरियाली
Buddha Prakash
वक्त को यू बीतता देख लग रहा,
वक्त को यू बीतता देख लग रहा,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
Harminder Kaur
राम आयेंगे अयोध्या में आयेंगे
राम आयेंगे अयोध्या में आयेंगे
रुपेश कुमार
हाइकु-गर्मी
हाइकु-गर्मी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बिरसा मुंडा
बिरसा मुंडा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
" नयी दुनियाँ "
DrLakshman Jha Parimal
"यात्रा संस्मरण"
Dr. Kishan tandon kranti
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
विद्यालयीय पठन पाठन समाप्त होने के बाद जीवन में बहुत चुनौतिय
विद्यालयीय पठन पाठन समाप्त होने के बाद जीवन में बहुत चुनौतिय
पूर्वार्थ
कहा कृष्ण ने -
कहा कृष्ण ने -
महेश चन्द्र त्रिपाठी
D
D
*प्रणय प्रभात*
दूर अब न रहो पास आया करो,
दूर अब न रहो पास आया करो,
Vindhya Prakash Mishra
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
प्रारब्ध का सत्य
प्रारब्ध का सत्य
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अधिकतर प्रेम-सम्बन्धों में परिचय, रिश्तों और उम्मीदों का बोझ
अधिकतर प्रेम-सम्बन्धों में परिचय, रिश्तों और उम्मीदों का बोझ
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
#इक_औरत ____
#इक_औरत ____
Neelofar Khan
स्वयं को बचाकर
स्वयं को बचाकर
surenderpal vaidya
हैप्पी नाग पंचमी
हैप्पी नाग पंचमी
Ranjeet kumar patre
इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
Phool gufran
अज़ीम हिन्दुस्तान ...
अज़ीम हिन्दुस्तान ...
SURYA PRAKASH SHARMA
2506.पूर्णिका
2506.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आप और हम जीवन के सच............. हमारी सोच
आप और हम जीवन के सच............. हमारी सोच
Neeraj Agarwal
Loading...