देशभक्ति पर दोहे
अपना भारत वर्ष है, हमको मात समान।
करें भाल अपने तिलक, माटी चन्दन मान।।1
देश चलाने के लिये, बनती है सरकार।
मगर देश हित से नहीं, उसको अब दरकार ।।2
चुका न पायेंगे कभी, भारत माँ का कर्ज़ ।
रक्षा करना देश की, है हम सबका फ़र्ज़ ।।3
करते हैं तलवार से, रक्षा वीर जवान ।
मगर कलम की धार भी,नहीं कहीं कम मान।।4
मानवता की बात जब, करते हैं सब धर्म ।
फिर क्यों द्वेष विकार के, मानव करता कर्म ।।5
गाते हैं हम जोश से, देश भक्ति के गीत ।
देख हमारी भावना,अरि होता भयभीत।।6
इस धरती का स्वर्ग है, अपना भारत देश ।
जिसकी सात्विक सोच है, संस्कारी परिवेश ।।7
गाते वंदेमातरम, जन गण मन का गान ।
अपने हिंदुस्तान की, दोनों ही पहचान ।।8
तिनसौसत्तर ऐ हटा, मिला हमें कश्मीर ।
अब थोड़ी तो कम हुई, भारत माँ की पीर।।9
23-09-2018
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद