Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2023 · 3 min read

देश भक्ति का ढोंग

इग्लैंड और फ्रांस के बीच चलने वाली एक ट्रेन जो इग्लैंड जा रही थी उसमें मुसाफिर लगभग भर चुके थे सिर्फ एक सीट खाली रह गई थी। ट्रेन चलने से थोड़ी देर पहले एक अंग्रेज शख्स आया और उस सीट पर बैठ गया। बगल में पहले से ही एक फ्रांसीसी महिला बैठी हुई थी।
फ़्रांसीसी महिला के चेहरे से परेशानी साफ झलक रही थी। उसके चेहरे पर अत्यधिक तनाव देखकर अंग्रेज से रहा न गया। वह पूछ बैठा, ‘आप क्यो इतनी परेशान हैं ?’
उस महिला ने हिचकिचाहट के साथ कहा, ‘मेरे पास इग्लैंड के कानून के मुताबिक रखने वाली रकम से ज्यादा रकम है, जो दस हजार पाउंड बनते हैं। फ्रांस में इतनी रकम रखना जुर्म नही है मगर इग्लैंड में जुर्म है, न जाने वहां मेरे साथ क्या सलूक होगा ?’
अंग्रेज बोला, ‘यह तो कोई मसला नही है। अगर आप राजी हों तो आधी रकम मुझे दे दें, बाकी 5000 पाउंड आपके पास रहेगा। हो सकता है किसी को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया तो आधी रकम बच जायेगी। आप मुझे लन्दन और फ्रांस का पता लिखकर दे दें। ऐसी सूरत में मैं आपका पैसा आपको वापस कर दुंगा।’
महिला ने अपना पता लिखकर दे दिया।
रेल से उतरने के बाद फ़्रांसीसी महिला पुलिस के चेकिंग से बिना किसी रूकावट के गुजर चुकी थी कि अंग्रेज जोर से चीख पड़ा और पुलिस को उस महिला की तरफ इशारा करते हुए बोला, ‘साहब उस औरत को पकड़े वह दस हजार पाउंड गैर कानूनी तौर पर लेकर जा रही है, उसमें से आधी मेरे पास और आधा पांच हजार पाउंड उसके पास है। साहब मैं इग्लैंड का “देश भक्त “शहरी हूँ और मैं अपने महबूब देश से गद्दारी करने का सोच भी नही सकता। मैंने जानबूझकर उसकी मदद की ताकि अपने “महान देश” से मेरी देश भक्ती साबित हो सके।’
पुलिस ने महिला की दोबारा तलाशी ली और आधी रकम बरामद कर ली। महिला ने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया। अंग्रेज ने भी अपने पास रखी आधी रकम पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस अफसर ने मनी लांड्रिंग से देश की इकॉनमी को पहुंचने वाले नुकसान के बारे में बात करते हुए अंग्रेज का शुक्रिया अदा किया। उसकी देश भक्ती की जमकर तारीफ करते हुए इज्जत के साथ जाने दिया और उस फ्रांसीसी महिला को दूसरी ट्रेन से वापस फ्रांस भेज दिया।
कुछ दिन बाद फ्रांसीसी महिला के दरवाजे पर दस्तक हुई, जवाब में उसने दरवाजा खोला तो सामने अंग्रेज खड़ा था। हैरानी और गुस्से के मिले जुले हालत में महिला बोली, ‘तुम कितने झूठे और मक्कार आदमी हो कि धोखे से मेरे पैसे पुलिस को बरामद करा दी और कितने बेशरम हो कि सामने आकर खड़े भी हो गये।’
अंग्रेज ने महिला के किसी भी बात पर रिएक्शन देने के बजाये उसे एक लिफाफा थमाया, जिसमें 15000 पाउंड थे और सपाट लहजे में बोला, ‘यह आपकी रकम है और बाकी पैसे मेरी तरफ से आपके लिए इनाम है।’
फ्रांसीसी महिला उसकी बात सुनकर हैरान रह गई कि यह क्या माजरा है?
अंग्रेज कहने लगा, ‘मैडम आपका गुस्सा जायज है। मगर उस वक्त मैं पुलिस का ध्यान अपने बैग से हटाना चाहता था। जिसमें पहले से ही तीन मिलियन पाउंड थे। मुझे इसलिये यह नाटक करनी पड़ी। जिसमें आपके दस हजार पाउंड चले गये मगर मेरे लिए यह सौदा जरा भी महंगा नही था।’

सीख:
कभी कभी चीख चीख कर देशभक्ती, कानून की रखवाला और ईमानदारी का दावा करने वाला व्यक्ति दरअसल चोर भी हो सकता है
जो देशभक्ती की आड़ लेकर अपने आपको बचा रहा होता है !
©आत्मबोध

305 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" दोहरा चरित्र "
DrLakshman Jha Parimal
वृक्ष की संवेदना
वृक्ष की संवेदना
Dr. Vaishali Verma
माँ सरस्वती वंदना
माँ सरस्वती वंदना
Karuna Goswami
कुत्ते का श्राद्ध
कुत्ते का श्राद्ध
Satish Srijan
4440.*पूर्णिका*
4440.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ह्रदय की पीड़ा से
ह्रदय की पीड़ा से
Dr fauzia Naseem shad
एक व्यथा
एक व्यथा
Shweta Soni
कसक
कसक
Dipak Kumar "Girja"
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
Rj Anand Prajapati
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
कहां खो गए
कहां खो गए
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"ककहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
गुमनाम 'बाबा'
मरने की ठान कर मारने के लिए आने वालों को निपटा देना पर्याप्त
मरने की ठान कर मारने के लिए आने वालों को निपटा देना पर्याप्त
*प्रणय*
मानवता
मानवता
Rahul Singh
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा
Chitra Bisht
राम प्यारे हनुमान रे।
राम प्यारे हनुमान रे।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
छोड़ो  भी  यह  बात  अब , कैसे  बीती  रात ।
छोड़ो भी यह बात अब , कैसे बीती रात ।
sushil sarna
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
AJAY AMITABH SUMAN
दोस्ती
दोस्ती
Adha Deshwal
रिश्ता
रिश्ता
अखिलेश 'अखिल'
*दोस्त*
*दोस्त*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
காதல் என்பது
காதல் என்பது
Otteri Selvakumar
"मैं तारीफें झूठी-मूठी नहीं करता ll
पूर्वार्थ
मासूम कोयला
मासूम कोयला
singh kunwar sarvendra vikram
प्री वेडिंग की आँधी
प्री वेडिंग की आँधी
Anil chobisa
*इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)*
*इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)*
Ravi Prakash
" हय गए बचुआ फेल "-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...