देश प्रेम बलिदान
नित्य फर्ज की राह चल, हुए वीर कुरबान ।
जिनकी रग रग में बहा, सदा रक्त ईमान ।
सदा रक्त ईमान, बिका ना धन की खातिर ।
हुए वहीं नाकाम, सामने जिनके शातिर ।
देकर अपनी जान, मिसालें नेक दर्ज की ।
देश प्रेम बलिदान, राह चल नित्य फर्ज की ।।
रमेश शर्मा