Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jan 2023 · 1 min read

देश के नौजवान

हमके इज़्ज़त से जीए के
अधिकार चाही सुन लअ
हम देश के नौजवान हईं
रोज़गार चाही सुन लअ…
(१)
हिंदू-मुस्लिम के नाम पर
आख़िर कबले भरमइबअ
मंदिर-मस्जिद के नाम पर
आख़िर कबले भड़कइबअ
आपस में कवनो लफड़ा
ना बेकार चाही सुन लअ
हम देश के नौजवान हईं
रोज़गार चाही सुन लअ…
(२)
जे पंचायत से संसद ले
सबका खातिर काम करो
शिक्षा औरी स्वास्थ्य के
खूब नीमन इंतज़ाम करो
जनता जेइमें खुश रहे ऊ
सरकार चाही सुन लअ
हम देश के नौजवान हईं
रोज़गार चाही सुन लअ…
(३)
तू खाद औरी बिजली दअ
खेत औरी खलिहानन के
चारू ओर अंबार लगा दअ
मील औरी कारखानन के
एगो सस्ता औरी अच्छा
बाज़ार चाही सुन लअ
हम देश के नौजवान हईं
रोज़गार चाही सुन लअ…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#राजनीतिक #कविता #चुनावी #बगावत
#चुनावी #शायरी #सियासी #इंकलाब
#अवामी #जनवादी #भोजपुरी #गीतकार
#कवि #बेरोजगारी #महंंगाई #भ्रष्टाचार
#Youth #jobs #lyricist #singer

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
361 Views

You may also like these posts

"बता "
Dr. Kishan tandon kranti
राम दर्शन
राम दर्शन
Rajesh Kumar Kaurav
"मन की खुशी "
DrLakshman Jha Parimal
व्यक्तित्व की दुर्बलता
व्यक्तित्व की दुर्बलता
Dr fauzia Naseem shad
*णमोकार मंत्र (बाल कविता)*
*णमोकार मंत्र (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
पाँच हाइकु
पाँच हाइकु
अरविन्द व्यास
आशिक!
आशिक!
Pradeep Shoree
बहुत खुश था
बहुत खुश था
VINOD CHAUHAN
😢अब😢
😢अब😢
*प्रणय*
हर दिन सावन
हर दिन सावन
Dr.Archannaa Mishraa
बाल कविता : बादल
बाल कविता : बादल
Rajesh Kumar Arjun
नवयुग निर्माण में हमारे सपने
नवयुग निर्माण में हमारे सपने
Sudhir srivastava
दोहा सप्तक. .. . विरह
दोहा सप्तक. .. . विरह
sushil sarna
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
Keshav kishor Kumar
ज़िंदगी क्या है क्या नहीं पता क्या
ज़िंदगी क्या है क्या नहीं पता क्या
Kanchan Gupta
अति सर्वत्र वर्जयेत्
अति सर्वत्र वर्जयेत्
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
*लटें जज़्बात कीं*
*लटें जज़्बात कीं*
Poonam Matia
*सबकी अपनी दुनिया*
*सबकी अपनी दुनिया*
Dr. Vaishali Verma
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आस...
आस...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
पुरुषो को प्रेम के मायावी जाल में फसाकर , उनकी कमौतेजन्न बढ़
पुरुषो को प्रेम के मायावी जाल में फसाकर , उनकी कमौतेजन्न बढ़
पूर्वार्थ
तेरे सुर्ख़ हाथों को देख
तेरे सुर्ख़ हाथों को देख
Anand Kumar
ग़ज़ल 2
ग़ज़ल 2
Deepesh Dwivedi
जिन्दगी की किताब में
जिन्दगी की किताब में
Mangilal 713
जीवन है ये छोटा सा
जीवन है ये छोटा सा
प्रदीप कुमार गुप्ता
ऐ वतन....
ऐ वतन....
Anis Shah
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
gurudeenverma198
श्रीराम
श्रीराम
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
Loading...