#देश का गौरव है हिन्दी#
जन – गण – मन का मान हो हिन्दी,
भारत का संविधान हो हिन्दी।
अंग्रेजी की गुलामी छोड़ो,
भारत का हर काम हो हिन्दी।
देश का गौरव है हिन्दी,देश की पहचान है।
हिन्दी से ही हमारा ,देश हिन्दुस्तान है।।
संस्कृति है देश की , संस्कारों का प्रतिबिंब है।
शुद्ध , सुन्दर , सरल भावों की ये अभिव्यक्ति है ।।
तुलसी की भक्ती सी पावन, इसमें सूर का वात्सल्य है।
मीरा की है प्रीति इसमें,राधा का इसमें प्रेम है।।
बांधती इक डोर में,सबको साथ लेकर चलती है।
अंग्रेजी ,अवधी ,उर्दू,फारसी,सम्मान सबका करती है।।
श्रेष्ठ है भाषा हमारी,जन ,जन की ये पुकार है।
हिन्दी से ही हमारा, देश हिन्दुस्तान है।।
मान है सम्मान है,हिन्दी देश का स्वाभीमान है।
हिन्दी से ही हमारा ,देश हिन्दुस्तान है।।
रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
लखनऊ