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20 Oct 2020 · 1 min read

देश और भेष

बहुआयामी क्षेत्र से जो देश परहेज़ रखता हो उसे ✍️
कोई भी हरा सकता है.
ब्यौरे अतीत के होते है.
वर्तमान योजना रहित
भविष्य एकदम धुंधला अंधकारमय.
राग एक ही का आलाप हो.
.
किसी ने एक बीज बोया था कभी.
और कह दिये थे.
प्रसंशा में कुछ शब्द अंलकार में.
उसके बाद वह अजर है/अमरा/शाश्वत/सनातन/मालूम नहीं क्या-क्या है.
.
हर रोज नये नये प्रश्न उठते है.
बस उसी पहेली में उलझकर रह जाते हैं.
मुर्गी पहले आई के अण्डा.
रहने को जगह नहीं,
पीने को पानी.
अंधाधुंध जंगलों की कटाई.
पहने को वस्त्र अभाव.
.
जो जरूरत सामने दिखाई दे रही है.
वे पूरी करने की असमर्थता.
विकाशील देश से गरीब देश की ओर गिरता भारत,
अपनी पहचान जो सार्थक हो.
कब परिचित होगा.

Mahender Singh

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 2 Comments · 671 Views
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