देशभक्ति
भारत अपना देश, हमें प्राणों से प्यारा
इसकी अद्भुत रीत, जगत मे सबसे न्यारा ।
रखिये इसका मान, सदा सब भारतवासी
गंगा जमुना और यहाँ वृंदावन काशी ।
रखना इसको साफ, स्वच्छ ये धर्म हमारा
मन मे रख सद्भाव, लगायें जय जयकारा ।,
भेद भाव को दूर, हटाकर राष्ट्र पुकारे
रखिये इसकी शान, यहाँ फैला उजियारे ।
आपस मे हो प्रेम, रहें सब मिलजुल कर के
हिरदय मे सद्भाव, स्नेह आँखों से छलके ।
कोइ यहाँ पर नीच, नही कोई है ऊँचा
सबका यह उद्यान, सभी ने इसको सींचा ।
गीतेश दुबे ” गीत ”
***************
हिन्दोस्ताँ अपना वतन सारे जहाँ की शान है
आन अपनी, मान अपना, हम दिलों की जान है ।
भिन्न भाषा, भिन्न बोली, भिन्न रंग औ रूप हैं
भिन्न जाति, भिन्न मजहब, पर दिलों से एक हैं
जन्म अपना इस धरा पर ये हमे अभिमान है
आन अपनी….
नदियाँ यहाँ, सागर यहाँ, पर्वत भी हैं, मैदान भी
प्रेम है, सौहाद्र है, गणतंत्र की पहचान भी
आबरू इसकी सलामत इस पे जाँ कुर्बान है ।
आन अपनी….
मंदिर भी हैं, मस्जिद भी हैं, गिरजा हैं,और गुरुद्वार हैं
लहलहाते खेत हैं, खुशहालियाँ भरमार हैं
माटी मे सौंधी सी महक, कण कण खिली मुस्कान है
आन अपनी….
गीतेश दुबे ” गीत “