देशभक्ति(मुक्तक)
1
जन गण मन, हम सबका अपना गान है
यही भजन ,गुरुवाणी और अज़ान है
मत बाँटो, तुम जात-पात या पंथों में
हम सबका , ये प्यारा हिंदुस्तान है
2
फूल की ख़ुशबुएँ हैं चमन के लिए
जगमगाते हैं तारे गगन के लिए
उन सपूतों को मेरा है शत शत नमन
ज़िन्दगी जिनकी अपने वतन के लिए
3
सजा हुआ है दुल्हन जैसा, प्यारा हिंदुस्तान हमारा।
गूँज रहा है जल थल नभ में, भारत माँ की जय का नारा।
फिर वो पावन दिन आया है, जब आज़ादी पाई हमने,
नमन हमारा उन्हें जिन्होंने अपना जीवन इस पर वारा
4
सर पर ताज हिमालय जैसा , पायल गंगा धारा है।
स्वर्ग कहीं पर है जग में तो, यह कश्मीर हमारा है।
वेदों की हैं यहाँ ऋचायें, तप बल ऋषियों मुनियों का
हिंदुस्तान हमारा हमको, प्राणों से भी प्यारा है
5
धर्मों की दीवार खड़ी जो, उसको आज गिराना होगा।
जन गण मन अधिनायक जय का, गान मधुर मिल गाना होगा।
पायी है हमने आज़ादी, वीरों की कुर्बानी देकर
आपस के मतभेद मिटाकर, उसको हमें बचाना होगा
6
बड़ी शान से नीलगगन में, लहर लहर लहराता है
हर इक हिंदुस्तानी इसको,अपना शीश झुकाता है
लगे बहुत ही प्यारा इसका,श्वेत- हरा केसरिया रँग
यही तिरंगा हमको अपनी,इक पहचान दिलाता है
डॉ अर्चना गुप्ता