*देना इतना आसान नहीं है*
देना इतना आसान नहीं है
निस्वार्थ भावना से देना तो और भी मुश्किल है
अतः देने के व्यवहार से मनुष्य तो पूर्णतया अपरिचित है
वह तो व्यापार करता है………. लेन-देन का व्यापार
उसकी तो भलाई और अच्छाई भी निस्वार्थ नहीं…… वह बदले में पुण्य कमाना चाहता है……. प्रशंसा कमाना चाहता है
अतः वह एक चालाक व्यापारी है दाता नहीं
सीमा वर्मा