देखो आई बरखा रानी
छाये काले काले बादल
जैसे हो आंखों का काजल
इस धरती की प्यास बुझाने
रिमझिम रिमझिम बरसे पानी
देखो आई बरखा रानी
कोयल गाये हो मतवाली
झूमे देखो डाली डाली
माटी की सौंधी खुशबू भी
लगती है जानी पहचानी
देखो आई बरखा रानी
रंगबिरंगे फूल खिलाती
बाग बगीचे सब महकाती
प्यारा कर श्रृंगार धरा का
उसे उढ़ाती चूनर धानी
देखो आई बरखा रानी
कागज़ की हम नाव बनाते
भीग भीग कर शोर मचाते
सुनते बात नहीं मम्मी की
बच्चे तो करते मनमानी
देखो आई बरखा रानी
डॉ अर्चना गुप्ता
08-07-2017