Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

देखो आई अजब बहार

देखो आई अजब बहार उठी फूलों में महकार
कल कल बहती है बहती है नदियों की धार

एक तो यह ठंडी हवा दूजे यह मौसम
खुश है यह सारी दुनिया मिट गए सारे गम
देखो नाच रहे हैं मोर मस्त हुए डंगर ढोर
कल कल बहती है बहती नदियों की तरह
कोयल गाती है गाती है भंवरा कर गुंजार

भूल भूल गए माता-पिता भूल गई सहेली
कर करके याद उनको रो रही अकेली
कैसे करूं मैं संतोष बता क्या है मेरा दोष
भूलू कैसे और कब तक करूं इंतजार

पहले पता था मुझे गम तुम करोगी
हौसला बलदेव का कम तुम करोगी
अभी भी वापस जाओ दौड़ भैया लक्ष्मण आए तुमको छोड़
रहकर महलों में महलों में जिंदगी गुजार

25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हिंदी साहित्य की नई : सजल
हिंदी साहित्य की नई : सजल
Sushila joshi
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
किसी मूर्ख को
किसी मूर्ख को
*प्रणय प्रभात*
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
🎋🌧️सावन बिन सब सून ❤️‍🔥
🎋🌧️सावन बिन सब सून ❤️‍🔥
डॉ० रोहित कौशिक
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ऋतुराज (घनाक्षरी )
ऋतुराज (घनाक्षरी )
डॉक्टर रागिनी
"धन्य प्रीत की रीत.."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अनमोल वचन
अनमोल वचन
Jitendra Chhonkar
Lines of day
Lines of day
Sampada
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
सत्य कुमार प्रेमी
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
दिल
दिल
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Started day with the voice of nature
Started day with the voice of nature
Ankita Patel
महाकाल का संदेश
महाकाल का संदेश
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
3010.*पूर्णिका*
3010.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सारे निशां मिटा देते हैं।
सारे निशां मिटा देते हैं।
Taj Mohammad
मोहब्बत-ए-सितम
मोहब्बत-ए-सितम
Neeraj Mishra " नीर "
एक दिया बुझा करके तुम दूसरा दिया जला बेठे
एक दिया बुझा करके तुम दूसरा दिया जला बेठे
कवि दीपक बवेजा
हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
SHAMA PARVEEN
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
"सम्भावना"
Dr. Kishan tandon kranti
चुनाव फिर आने वाला है।
चुनाव फिर आने वाला है।
नेताम आर सी
मां तुम बहुत याद आती हो
मां तुम बहुत याद आती हो
Mukesh Kumar Sonkar
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
हृदय कुंज  में अवतरित, हुई पिया की याद।
हृदय कुंज में अवतरित, हुई पिया की याद।
sushil sarna
पल
पल
Sangeeta Beniwal
My Chic Abuela🤍
My Chic Abuela🤍
Natasha Stephen
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...