देखों कैसी मस्तियाँ
देखों कैसी मस्तियाँ यहाँ सजती
कैसे शरबती आँखों से कश्तियाँ हरती
मैं तो मौन भाव से परख रहा तारूण्यता
ऐसे वो मेरी जिन्दगी की फलवारी में फबती
देखों कैसी मस्तियाँ यहाँ सजती
कैसे शरबती आँखों से कश्तियाँ हरती
मैं तो मौन भाव से परख रहा तारूण्यता
ऐसे वो मेरी जिन्दगी की फलवारी में फबती