**देखेंगे हम तेरा राह कब तक**
**देखेंगे हम तेरा राह कब तक**
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देखेंगे हम तेरा राह कब तक,
सीने में महकेगी सांस कब तक।
मरना जीना तो वश में नहीं है,
जिंदा होंगे ये अरमान कब तक।
आ भी जाओ ना कर देर दो पल,
देखेगा पथ तेरा काल कब तक।
बन कर आओ हमराही सनम तू,
ग्राह्य हो जीने की चाह कब तक।
यौवन से भरती बहती जवानी,
होगी तरुणाई यूं साथ कब तक।
मन में मनसीरत तूफ़ान आया,
रोकेगा दिल वो नादान कब तक।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)
हमसफर यूँ,
रहता हाथ में ना।