देखते है उनकी शत्रुता, हर मर्तबा मर्तबा l
देखते है उनकी शत्रुता, हर मर्तबा मर्तबा l
हम जिंदगी भर कहते रहेंगे, मर्हबा मर्हबा ll
वो नाराज हो दूर रहे, पर रब न है, दूर दूर l
मांग ही लेंगे, चिल्ला चिल्ला, सहज रब्बा रब्बा ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न