दू मै बता
दू मै बता या रखू छुपा
जो हाल बना हर साल रहा
इसी अजब की बातों से
मै जीत रहा मै सिख रहा।
हाँ बोलकर सभी जगह
बाद मे पछतावा होता था
पर नही बोलकर देखा जब
तब चैन से रात मे सो पाता हू।
किसी से मन अगर लगाया
तो सही-सही जीवन चलता हैं
अगर उसका मन भर जाए तो
छुपकर के रोना पड़ता हैं।
कई बिमारियाँ घूम रही हैं
फिर नई बीमारी क्यों पाले
इस समाज मे चलना हैं तो
कान बंद कर चले आगे।
अपनो से गलत बर्ताव मिले तो
एक पल भी रुका ना जाता हैं
तब दिल भी रोता खुलकर हैं
पर आँसू आँख से आता है।
लक्ष्य भरे इस जीवन मे
दुःख-दर्द बहुत ही आते हैं
सहन करे जो बहादुरी से
वही महान योद्धा कहलाता हैं।
बचपन से जवानी आ गयी
इसमे कई मोड़ आए हैं
अपने ऊपर हर बात लिया
तब जीवन खुशहाल बना पाएँ हैं।
जवानी मे पैर ना स्थिर होते
इधर-उधर फिसल ये जाते है
ध्यान लगाया सही जगह तब
ध्यान,ध्यान मे आता हैं।।