दूसरी जोड़ी!!
आकाश ने आज घर की एक पुरानी आलमारी खोली, बहुत सारे पुराने समान निकले पर एक समान ऐसा निकला जिसे देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई, उसके फेवरेट जूते के जोड़े में से एक जूता जो उसकी पत्नी ने गिफ्ट दिया था। उस अचानक अपनी वाइफ की याद आ गई और उसका अलग होना भी पर इस बात को अब पूरे पांच साल बीत चुके थे और अब के हालात कुछ और हो गए, पहले तो वो दूसरा जोड़ा खोजने के कोशिश में सारे आलमारी के समान को बाहर निकाल दिया पर फिर भी वो नहीं मिला तो निराश होकर एक जूते को ही हाथ में लेकर बैठ गया और सोचने लगा, काश इसकी दूसरी जोड़ी होती तो मैं इसे पहन सकता कितना अच्छा था ये, वो भी कितनी अच्छी थी जो मेरी पसंद का गिफ्ट दिया था अब कितना सुना सुना है मेरा संसार वो थी तो पूरे दिन का एक रूटीन होता था सुबह जल्दी जगना, नाश्ता समय से करना, ऑफिस जाना शाम को जल्दी घर आना और वो अदरक वाली चाय बनाकर वेट करते रहती थी। फिर साथ में चाय पीना और पूरे दिन भर की बातें बताना, आज क्या हुआ क्यक्या किया जिंदगी बड़े मज़े से तो कट रही थी पर एक जिद ने सब कुछ बर्बाद कर दिया, वो जीना ही तो चाहती थी अपनी जिंदगी खुलकर नौकरी करना चाहती थी पर मेरी ही जिद की वजह से वो कुछ नहीं कर पाई और सब कुछ बिखर गया और वो सब छोड़कर चली गई अपने पापा के घर हमेशा के लिए। ये सब सोचते सोचते आकाश एकदम बिफर कर रो पड़ा उसे समझ आ गया था कि जिस तरह ये जूता बिना ‘ दूसरे जोड़े ‘ के किसी काम का नहीं है वैसे ही वो भी अपनी जोड़ी, अपनी वाइफ के बिना अधूरा है। उसने फोन निकाला और उसे कॉल लगाया फोन उठाते ही बोला – अंजलि I am very very sorry please मुझे माफ़ कर दो । आकाश सब ठीक तो है, क्या हुआ, कोई प्रॉब्लम तो नहीं न? अंजलि ने चौंकते हुए पूछा क्यों कि उसके मायके आने के बाद आकाश ने पहली बार फोन किया था। अंजलि तुम बस घर आ जाओ, मेरे पास आ जाओ सब ठीक हो जाएगा – आकाश ने रोते हुए बोला। पर हुए क्या – अंजलि बोली। फिर आकाश ने सारी बात बताई जूते वाली और सब जो उसने उसके जाने के बाद महसूस किया था पर बता नहीं पाया था। अंजलि चुपचाप सुनती रही और अपने पुराने दिनों को याद करने लगी जिससे आंख के कुछ मोती उसके गाल पर आ गए। अब सारे गिले शिकवे दूर हो चुके थे इसलिए वो तुंरत ही अपने घर चली गई।
जिंदगी में दूसरी जोड़ी का बहुत महत्व है चाहे जूते हों या रिश्ते इसलिए बहुत सम्भाल कर रखिए…!!!
…..राणा…..