Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2022 · 4 min read

दूसरा पेरेंटिंग सेशन

पेरेंटिंग टिप्स
लो आज फिर ले आई मैं अपना दूसरा पेरेंटिंग सेशन,आइए जानें मेरे विचार बिल्कुल मुफ्त में। भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां।
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे जीवन में बेहतर काम करके सफलता हासिल करें, जिसकी वजह से वह अक्सर बच्चों को गलती करने पर डांट या फटकार देते हैं। लेकिन माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे और उनका मन कच्ची मिट्टी की तरह होता है, जिसे मनचाहा आकार दिया जा सकता है।
ऐसे में अगर माता-पिता बच्चों को छोटी-छोटी बातों पर डांट देते हैं या फिर उनके ऊपर गुस्सा करते हैं, तो इसका असर बच्चे के दिल और दिमाग पर पड़ता है। तो आइए जानते हैं कि माता-पिता की किन बातों से बच्चों के दिमाग और मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे आपको सावधान रहना चाहिए।
1बच्चो पर न थोपे उम्मीदें
अक्सर माता-पिता अपने बच्चे पर इतनी ज्यादा उम्मीदें थोप देते हैं कि छोटा-सा बच्चा अपने मन की बातें कभी कह ही नहीं पाता है। अगर आपका बच्चा पढ़ाई लिखाई में थोड़ा कमजोर है, तो उसके ऊपर क्लास में फर्स्ट आने का दबाव न बनाए।
ऐसा करने से बच्चे के मानिसक और शारीरिक विकास में बाधा आने लगती है, जबकि बच्चा अपने ही घर में प्रताड़ित महसूस करने लगता है। माता-पिता की ज्यादा उम्मीदें या दबाव अक्सर बच्चों को डिप्रेशन में डाल देती हैं, जिसकी वजह से वह गुमसुम और मायूस हो जाते हैं।
2 न करे मार पीट
आज के इस बदलते दौर में गलती करने पर बच्चों को मारना या उनके ऊपर हाथ उठाना बिल्कुल भी सही नहीं है, क्योंकि इसका सीधा असर बच्चे के मासूम मन पर पड़ता है। अगर बच्चे से कोई गलती हो जाती है, तो उसके साथ मारपीट करने के बजाय उसे प्यार से समझाना चाहिए।
इसके साथ ही माता-पिता को बच्चे की बात को भी ध्यान से सुनना चाहिए, ताकि उन्हें यह पता चले कि बच्चे ने किस वजह से गलती की है। अगर आप बिना वजह जाने की बच्चे को डांटना शुरू कर देंगे या उसके साथ मारपीट करेंगे, तो बच्चा आपको सच्चाई बताने से घबराने लगेगा और माता-पिता से दूरी बना लेगा।
3 हर बात पर ना टोके
माता-पिता अक्सर बढ़ते हुए बच्चों के साथ सख्ती से व्यवहार करते हैं और उनकी हर छोटी-छोटी बात पर रोक टोक करना शुरू कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना बच्चे और माता-पिता के बीच दूरी लाने की वजह बन सकता है। दरअसल बढ़ती उम्र बच्चों को थोड़ी-सी आजादी चाहिए होती है, ताकि वह सामाजिक ढांचे को समझ सके।
ऐसे में अगर माता-पिता बच्चे को बंधन में रखने की कोशिश करते हैं, तो बच्चा उनसे झूठ बोलना शुरू कर देता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा सफल बने, तो उसे थोड़ी छूट दें और अच्छे व बुरे के बीच फर्क करना सिखाए। इससे उसका मानसिक और सामाजिक विकास होगा, इसके अलावा बच्चा माता-पिता से हमेशा सच बोलेगा।
4 बच्चो के साथ समय बिताए
आज के मॉडन जमाने माता-पिता दोनों ही वर्किंग होते हैं, जिसकी वजह से वह घंटों तक अपने बच्चे से बात नहीं कर पाते हैं। ऐसे में बच्चा अकेलापन महसूस करने लगता है, जिसकी वजह से उसके मानसिक और सामाजिक विकास में बाधा आ सकती है।
इसलिए माता-पिता को यह ध्यान रखना चाहिए कि वह अपने बच्चे के साथ पर्याप्त समय बिताए, उसके साथ बातचीत करें और गेम्स खेलें। ऐसा करने से बच्चा माता-पिता के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ा रहता है, वरना वह आपसे झूठ बोल सकता है और बुरी संगत में पड़ सकता है।
5 जिद्द को पूरा न करे
बच्चे जब छोटे होते हैं, तो वह माता-पिता से कई तरह की जिद्द करते हैं। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चे की खुशी के लिए उसकी हर जिद्द को पूरा करने की कोशिश करते हैं, लेकिन ऐसा करना बच्चे के मानसिक विकास में परेशानी खड़ी कर सकता है।
दरअसल बच्चे की हर जिद्द को पूरा करने पर वह अनुशासन हीन हो जाता है, जिसकी वजह से उसे आगे चलकर कठिनाई हो सकती है। इसलिए अगर आपका बच्चा गैर जरूरी चीजों के लिए जिद्द करता है, तो उसकी जिद्द पूरी करने के बजाय उसे समझाने की कोशिश करें। ऐसा करने से बच्चा चीजों की वैल्यू समझता है और अनुशासन का पालन भी करता है।
अगर आप अपने बच्चे के साथ एक पॉजिटिव रिलेशन रखना चाहते हैं, तो ऑर्टिकल में बताई गई बातों का विशेष ध्यान रखें। अपने बच्चों के साथ अच्छा समय बिताए और उनकी मनोदशा को समझने की कोशिश करें, ताकि उनका मानसिक व सामाजिक विकास बेहतर ढंग से हो सके।
बच्चों के दिमाग पर गहरा असर छोड़ती हैं।
अगर आपने मेरा पहला आर्टिकल नही पढ पाए तो मुझे मेल करे,आपके inbox में आ जायेगा।
दीपाली कालरा

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 174 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझमें मुझसा नज़र नहीं आया ।
मुझमें मुझसा नज़र नहीं आया ।
Dr fauzia Naseem shad
ऐ हवा रुक अभी इंतजार बाकी है ।
ऐ हवा रुक अभी इंतजार बाकी है ।
Phool gufran
शीर्षक - जय पितर देव
शीर्षक - जय पितर देव
Neeraj Agarwal
हम कितने नोट/ करेंसी छाप सकते है
हम कितने नोट/ करेंसी छाप सकते है
शेखर सिंह
कविता ---- बहते जा
कविता ---- बहते जा
Mahendra Narayan
मैने देखा नहीं है कोई चाँद
मैने देखा नहीं है कोई चाँद
VINOD CHAUHAN
अनमोल वचन
अनमोल वचन
Jitendra Chhonkar
कैसी यह मुहब्बत है
कैसी यह मुहब्बत है
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
घर हो तो ऐसा
घर हो तो ऐसा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संसार का स्वरूप (2)
संसार का स्वरूप (2)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
महिला दिवस
महिला दिवस
Dr.Pratibha Prakash
"" *इबादत ए पत्थर* ""
सुनीलानंद महंत
उधार  ...
उधार ...
sushil sarna
बदलता बचपन
बदलता बचपन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
औरत अश्क की झीलों से हरी रहती है
औरत अश्क की झीलों से हरी रहती है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी हमारा मान है*
*हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी हमारा मान है*
Dushyant Kumar
जिंदगी का एक और अच्छा दिन,
जिंदगी का एक और अच्छा दिन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🙅आज का दोहा🙅
🙅आज का दोहा🙅
*प्रणय प्रभात*
रामभक्त हनुमान
रामभक्त हनुमान
Seema gupta,Alwar
23/172.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/172.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
या खुदाया !! क्या मेरी आर्ज़ुएं ,
या खुदाया !! क्या मेरी आर्ज़ुएं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
Aarti sirsat
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
A GIRL WITH BEAUTY
A GIRL WITH BEAUTY
SURYA PRAKASH SHARMA
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
पूर्वार्थ
जहां  हर मोड़  पर  खड़ा  हो बेईमान
जहां हर मोड़ पर खड़ा हो बेईमान
Paras Nath Jha
"मोहलत"
Dr. Kishan tandon kranti
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
Harminder Kaur
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
Vijay kumar Pandey
Loading...