दूरी
✒️?जीवन की पाठशाला ?️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अधूरा प्रेम बहुत दर्दनाक होता है -अंदर ही अंदर खून के आंसू रुलाता है फिर वो अधूरापन चाहे माँ बाप के प्रेम का हो या पति पत्नी के प्यार का या फिर कोई ओर …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इंसान के जीवन में एक वक़्त वो आता है जब इंसान को हालात और दुनिया के रंग इतना बदल देते हैं की अब उस इंसान को किसी भी रिश्ते के बदलने से फ़र्क़ नहीं पड़ता …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इस दुनिया में लोग आपके पास क्या है ये देखते हैं ….आप क्या हैं उनसे उन्हें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की जब किन्हीं भी संबंधों में अविश्वास -भ्र्म -शक-जिद -खुद को ही सही समझ लेने का अहंकार जन्म ले, ले और विश्वास -दर्द -भाव -संवेदना -एक दुसरे को समझने की चेष्टा-शब्दों -लफ्जों की गरिमा -आँखों की शर्म -रिश्ते एवं उम्र का लिहाज दम तोड़ दे तो भविष्य में होने वाली किसी अनहोनी से बचने के लिए दूरी बना लेना ही उचित है …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान