दूरी जरूरी
का करिहौ अवधेश,
झूठ की हो गई शादी।
मिली दुल्हनिया चोर,
सुनो हो गई बर्बादी।।
मां की ममता बनी रही,
जो झूठ को पाला।
पिता झूठ का बाप,
जो तोड़ई सौ सौ ताला।।
झूठ चोरनी मिलकर,
देखो क्या फसल उगाई।
आपस में लड़ रहे,
ये देखो बहन व भाई।।
हे प्रभु रक्षा करो हमारी,
इन झूठ चोर के कर्मो से।
समय परे ये सबको बेचें,
“संजय” सावधान! बेशर्मों से।