दूरियाँ जब बढ़ी, प्यार का भी एहसास बाकी है,
दूरियाँ जब बढ़ी, प्यार का भी एहसास बाकी है,
दिल के कोने में कहीं, वो जो खास बाकी है।
“पूजा रास्ते जुदा हुए, मंज़िलें भी बदल गईं,
पर तुम्हारे नाम से दिल का हर जज़्बात बाकी है।
आँखों में तस्वीरें, अब भी छुपी हैं तेरी,
धड़कनों में वही प्यारा सा आग़ाज़ बाकी है।
बातें चाहे न हो, खामोशियाँ हों बहुत,
दिल की गहराई में तेरे लिए आवाज़ बाकी है।
जाने कितने मौसम आए और चले गए,
पर तेरी यादों का वही मधुर अहसास बाकी है।
जीवन की राहों में, भले बिछड़ गए हम,
दिल के दरवाजे पर तेरा इंतजार बाकी है।
इस दूरियों में भी, पास होने का गुमान है,
तेरी मेरी कहानी का वो अनमोल हिसाब बाकी है।
रिश्तों की इस भीड़ में, तन्हाईयों के बीच,
तेरे बिना भी, हर लम्हा तेरे साथ बाकी है….!!!!!
🌼