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22 Sep 2021 · 1 min read

दूजा नहीं रहता

घिरा हूँ गम गुसारों से कभी तन्हा नहीं रहता
गमों के दौर में कोई मगर अपना नहीं रहता
अगर हनुमान होते चीरकर दिल भी दिखा देते
यकी हो या न हो, दिल में को’ई दूजा नहीं रहता

Language: Hindi
3 Likes · 434 Views

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