दुलारी सिम्मी
दुलारी सिम्मी
. …मां बाबा के बाद सबकी उतरन पहनकर
पढ़ाई करना तक तो ठीक था। पढ़ाई के लिए सरकारी स्कूल भी ठीक था, पर वजीफा पा लेना घर में हड़कंप मचाने के लिए काफी था। घर के सारे काम समेट कर ही तो पढ़ती थी और बाकी घर की दुलारी और दुलारे सिर्फ पढ़ाई करने पर भी उस तक ना पहुंच पाए।
अट्ठारह साल होते ही मां के पांच लाख की एफ डी को अकाउंट में आने में देर न लगी , पर वह किस से कहें कि वह मेडिकल का एंट्रेंस भी पास कर चुकी है ।
छोटी मामी ने उसके लिए जो किया वह अद्भुत था ।उसके लिए वो उठ खड़ी हुई,
“दुलारी डॉक्टरी पढेगी ।कोई कुछ ना बोल पाया।”
दुलारी सिम्मी छोटी मामी को देख रही थी डबडबाई आंखों से मामी के रूप में मां फिर एक बार ज़िदा हो गई ।अपने ही सपनों में उसने खुद को देखा डॉ सिम्मी दुलारी….
मीनाक्षी भटनागर
स्वरचित