दुर्मिळ सवैया ,विधान सहित
दुर्मिल सवैया
विधान
दुर्मिल सवैया छंद 24 वर्णों में आठ सगणों (।।ऽ) से सुसज्जित होता है। जिसमें 12, 12 वर्णों पर यति का प्रयोग किया जाता है। अन्त सम तुकान्त ललितान्त्यानुप्रास कहा जाता है। इस छन्द को तोटक वृत्त का दुगुना भी कहा जाता है।
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उदाहरण
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बदला बदला अब मौसम है,बदलाव हवा सब ठौरन की।
गलती अब दाल लगे मुझको ,चमचों चमची ठग बन्धन की।
डर पैठ गयो सब सज्जन में ,अब मौज भई सब दुर्जन की।
अब दादुर बोल लगे वजनी ,कम धाक लगे सब शेरन की।
कलम घिसाई