Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

दुर्मिल सवैया

दुर्मिल सवैया

जग जा अब विस्तर छोड़ प्रिये प्रभु भानु निहारत हैं तुझको।
करना उनका प्रिय दर्शन तू अब जाग सखी लखना प्रभु को।
फिर चाय बनाय पियो सखिया हँस के प्रिय के मन में बसना।
उस के उर में कुछ बूंद भरो सखि री!नित प्रेम किया करना।

तुम मंगल रूप शिवा जिमि हो अति मोहिनि गौर सदा सुखदा।
प्रिय देवि सुजान महान सुखांत सुकोमल राग विधा मधुदा।
अति निर्मल शिष्ट प्रभा वसुधा गगनांगन प्रांगण में रहती।
शुभ अमृत भोग बनी महके सखि! तू मधुमास बनी दिखती।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र,हरिहरपुर,वाराणसी -221405

1 Like · 24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* आ गया बसंत *
* आ गया बसंत *
surenderpal vaidya
लाड बिगाड़े लाडला ,
लाड बिगाड़े लाडला ,
sushil sarna
मैं अलग हूँ
मैं अलग हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
बेटा राजदुलारा होता है?
बेटा राजदुलारा होता है?
Rekha khichi
हमने सुना था के उनके वादों में उन कलियों की खुशबू गौर से पढ़
हमने सुना था के उनके वादों में उन कलियों की खुशबू गौर से पढ़
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
Dr. Narendra Valmiki
अपनी समझ और सूझबूझ से,
अपनी समझ और सूझबूझ से,
आचार्य वृन्दान्त
जी करता है
जी करता है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Go wherever, but only so far,
Go wherever, but only so far,"
पूर्वार्थ
*** लम्हा.....!!! ***
*** लम्हा.....!!! ***
VEDANTA PATEL
"तब तुम क्या करती"
Lohit Tamta
कोई तो रोशनी का संदेशा दे,
कोई तो रोशनी का संदेशा दे,
manjula chauhan
समन्दर से भी गहरी
समन्दर से भी गहरी
हिमांशु Kulshrestha
शहीद की अंतिम यात्रा
शहीद की अंतिम यात्रा
Nishant Kumar Mishra
सफलता
सफलता
Vandna Thakur
ରାତ୍ରିର ବିଳାପ
ରାତ୍ରିର ବିଳାପ
Bidyadhar Mantry
■ खाने दो हिचकोले👍👍
■ खाने दो हिचकोले👍👍
*प्रणय प्रभात*
,,
,,
Sonit Parjapati
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
सृजन
सृजन
Bodhisatva kastooriya
कंटक जीवन पथ के राही
कंटक जीवन पथ के राही
AJAY AMITABH SUMAN
किसी से उम्मीद
किसी से उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
Ashwini sharma
कृतघ्न अयोध्यावासी !
कृतघ्न अयोध्यावासी !
ओनिका सेतिया 'अनु '
"तासीर"
Dr. Kishan tandon kranti
3066.*पूर्णिका*
3066.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
लक्ष्मी सिंह
*मां*
*मां*
Dr. Priya Gupta
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
Ranjeet kumar patre
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...