दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
सृजन शब्द -नेता
अनपढ़ हूँ तो क्या हुआ,माने जनता राज ।
पांच साल में दीखता, हाथ जोड़ना काज।।
माल को अंदर करना।
घूस खा कर है पलना ।।
नेता हूं मैं आज का, मोटा मेरा पेट ।
दौर चुनावों का रहे, हो जाऊँ लम लेट ।।
हाथ को जोड़े घूमूँ ।
नशे में मैं तो झूमूँ ।
सीमा शर्मा ‘अंशु’