दुनिया में तमाम लोग उतने आदर के योग्य होते नहीं, जितना उन्हे
दुनिया में तमाम लोग उतने आदर के योग्य होते नहीं, जितना उन्हें दे दिया जाता है। किसी बाध्यता अथवा भूलवश।।
दुनिया में तमाम लोग उतने आदर के योग्य होते नहीं, जितना उन्हें दे दिया जाता है। किसी बाध्यता अथवा भूलवश।।