दुनिया में उपयोग
नभचर हो या जानवर, करें अगर सहयोग ।
कर सकते हर वस्तु का,दुनिया में उपभोग ।
दुनिया में उपभोग, निभायें भाईचारा ।
नहीं मिलेंगे कष्ट, प्रेम की होगी धारा ।
कह रमेश कविराय,रहे जो सारे मिलकर ।
नहीं सहेंगे दुःख, जगत में थलचर नभचर ।।
रमेश शर्मा.